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पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त 6 हजार से 8 हजार होने की आशंका है

पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त 6 हजार से 8 हजार होने की आशंका है

भारत में पीएम किसान योजना के 1.86 करोड़ लाभार्थी किसान पहले वंचित कर दिया है। सरकार के जरिए किए जाने वाले सत्यापन के अंतर्गत पुनः अपात्र किसानों की जाँच पड़ताल की जा रही है। निरंतर लाभार्थी सूची को बेहतर करने का कार्य चल रहा है। इस वजह से यदि आप भी लाभार्थी हैं, तब आपको सूची में स्वयं का नाम एवं स्टेटस की जाँच करना बेहद जरुरी है। केंद्र सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों के हित में सुचारु प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंदर उच्च स्तर का परिवर्तन होने की आशंका प्रतीत हो रही है। आपको बतादें कि सरकार 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले बजट में भी सम्मान निधि की धनराशि में बढ़ोत्तरी का अंदाजा लगाया जा रहा है। लेकिन उसके पूर्व 29 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का 'मन की बात' कार्यक्रम प्रसारित होना है। इसके अंतर्गत किसान व कृषि से संबंधित लोगों हेतु बड़ी सूचना हो सकती है। हम यह कह सकते हैं, कि देश के किसानों को सरकार से बेहद आसा है। पीएम किसान योजना की 13 वीं किस्त आने से पूर्व सरकार की सूचना स्पष्ट हो जाएगी।
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हालाँकि, वर्तमान में लाभार्थी सूची के अंदर बड़ा परिवर्तन होने की संभावना खबरों के जरिए से सुनने को मिल रही हैं। बतादें, कि बड़ी तादात में किसानों द्वारा ई-केवाईसी (E-KYC) एवं भूआलेखों का सत्यापन नहीं कराया है। राज्य सरकारों द्वारा 13 वीं किस्त भेजने से पूर्व दोनों प्रमाणीकरण विधि को पूर्ण कराने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। निरंतर, यह बात खबरों के माध्यम से प्राप्त हो रही है, कि जिन किसानों ने अभी तक सत्यापन की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया है। उस स्थिति में ऐसे किसानों को लाभार्थी सूची से वंचित किया जा सकता है।

किसान पीएम किसान योजना के लिए लाभार्थी सूची की जाँच अवश्य करें

निरंतरता से किसानों के ई-केवाईसी एवं भूआलेखों के सत्यापन की प्रक्रिया तीव्रता से चल रही है। योजना हेतु पात्र किसानों का स्टेटस संशोधित होने का कार्य चल रहा है। वहीं, अपात्र-लाभार्थियों की जाँच होते ही उनका नाम सूची से हटा दिया जा रहा है। अगर आपने भी हाल ही में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूर्ण की है। तो आपको अपना नाम लाभार्थी सूची में देख लेना चाहिए।
  • आप सर्वप्रथम pmkisan.gov.in पर विजिट करें।
  • होम पेज उपलब्ध Farmers Corner के विभाग पर पहुँचे।
  • आपको यहां Beneficiary Status के विकल्प पर क्लिक करना है ।
  • जो आपका पंजीकृत मोबाइल नंबर अथवा पंजीयन नंबर डालकर किसान भाई सूची में स्वयं के नाम की जाँच कर सकते हैं।

किसान सूची में नाम परिवर्तन की जानकारी हेतु क्या करें

बहुत बार ई-केवाईसी (E-KYC) एवं भुआलेख प्रमाणीकरण के उपरांत भी किसान का नाम सूची में अपडेट नहीं हो पाया है। उस परिस्थिति में इस तरह की तकनीकी कमियों को ठीक करने हेतु हेल्प डेस्क से संपर्क किया जा सकता है। कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों हेतु हेल्पलाइन नंबर भी लागू किए गए हैं। यदि किसान चाहें तो 1551261 या 1800115526 या 011-23381092 पर भी कॉल कर स्वयं की शंका का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं। किसान स्वयं की दिक्क्त परेशानी को pmkisan-ict@gov.in पर लिखकर भी मेल किया जा सकता है।

किसानों को पीएम योजना की किस्त 8,000 रुपये होने की बात सच या झूंठ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में वार्षिक 6,000 रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के अनुरूप हस्तांतरित की जाती है। सरकार द्वारा इस धनराशि दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में किसानों को भेजी जाती है। वर्तमान में 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले बजट से पूर्व आशंका लगाई जा रही हैं, कि यह धनराशि 6,000 रुपये से वृद्धि होकर 8,000 रुपये तक होने की संभावना है। यह इस वजह से भी मुमकिन है, कि जांच पड़ताल के अंतर्गत बहुत सारे अपात्र लोग गलत रूप से पीएम किसान की किस्तें प्राप्त कर रहे थे।
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अब उनको सूची से बाहर कर दिया है। लाभार्थियों के सत्यापन के चलते अपात्र किसानों की पहचान करके उनको योजना से वंचित किया जा रहा है। नतीजतन, संभावना है, कि योजना के बजट में अतिरक्त वृद्धि करके किसानों को मिल रही आर्थिक सहायता की धनराशि में भी बढ़ोत्तरी करदी जाएगी। हालांकि, फिलहाल आधिकारिक तौर पर इस प्रकार की कोई भी सूचना जारी नहीं हुई है।
बिहार के कृषि मंत्री भी “किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ

बिहार के कृषि मंत्री भी “किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ"

बिहार राज्य के कृषि मंत्री भी मन की बात का एक प्रोग्राम चलाने की योजना तैयार कर रहे हैं। “किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ” कार्यक्रम में बिहार के कृषि मंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे। भारत के लोगों से मन की बात के माध्यम लोगों तक पहुंचने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद अब बिहार राज्य के कृषि मंत्री भी मन की बात का एक प्रोग्राम चलाने की योजना बना रहे हैं। दरअसल, इस योजना के अंतर्गत कृषि मंत्री किसानों की परेशानियों को सुना करेंगे। आपको जानकारी के लिए बता दें, कि हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बिहार के चौथे कृषि रोड मैप का उद्घाटन करने के लिए पटना आ रही हैं। “किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ” कार्यक्रम में बिहार के कृषि मंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किसानों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे।

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नवीन नियम तैयार करने के लिए चर्चा होगी

बिहार में वर्तमान समय में बाजार समिति पूरी तरह भंग हो चुकी है। राज्य सरकार इसके लिए फिलहाल नवीन नियमों को बना कर इसे एक बार पुनः शुरू करने का प्रस्ताव लाना चाहती है। कृषि मंत्री के मुताबिक, अगर इसके लिए कुछ नए कानून भी बनाने पड़ें, तो वह बना कर एक बार फिर भंग हो चुकी बाजार समिति को चालू करेंगे। इस बार बाजार समिति के लिए राज्य सरकार सख्त कानून के साथ एक नई प्रणाली का निर्माण करेगी, जो कि अन्य दूसरे राज्यों में भी उदाहरण बन सकेगी। इस कानून के पश्चात राज्य के किसानों एवं व्यापारियों दोनों को ही लाभ मिलेगा।

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“किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ” कार्यक्रम की शुरुआत

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि राज्य सरकार मन की बात के इस कार्यक्रम “किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ” की शुरुआत कर चुकी है, जिसको वह अब प्रत्येक महीने आगे बढ़ाएगी। राज्य में हुए इस प्रोग्राम के अंतर्गत बहुत सारे किसानों ने अपनी समस्याओं को कृषि मंत्री के समक्ष रखा, जिसमें किसानों ने कृषि बैंकों के द्वारा क्रेडिट कार्ड न देने की समस्या का भी जिक्र किया। वहीं, इसके जवाब में कृषि सचिव ने बताया है, कि राज्य सरकार फिलहाल किसान क्रेडिट कार्ड के लिए एक विशेष अभियान को चलाएगी। इस अभियान के तहत वह किसानों को क्रडिट कार्ड मुहैय्या कराएगी।